सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना के फॉर्म भरना शुरू Solar Rooftop Subsidy Yojana

Solar Rooftop Subsidy Yojana: आजकल हर महीने आने वाला बिजली का बिल एक बड़ी चिंता बनता जा रहा है। गर्मियों में तो एसी, कूलर और पंखे चलने की वजह से बिल आसमान छूने लगता है। वहीं कई गांवों और दूरदराज के इलाकों में बिजली की सप्लाई भी ठीक से नहीं मिलती। ऐसे में एक समाधान सरकार लेकर आई है – सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना।

इस योजना के तहत अगर आप अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाते हैं, तो सरकार आपको इसका अच्छा-खासा अनुदान यानी सब्सिडी देती है। इससे बिजली बनाना सस्ता हो जाता है और आपके घर का बिजली बिल बहुत हद तक कम हो जाता है।

क्या है सोलर रूफटॉप योजना

यह एक ऐसी सरकारी योजना है जिसके जरिए आप अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगाकर खुद की बिजली बना सकते हैं। यानी बिजली बनाने के लिए अब बिजली विभाग पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

सरकार का मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करें। इसके लिए सरकार सोलर पैनल लगवाने पर 20 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी पैनल की क्षमता और साइज पर निर्भर करती है।

सरकार का मुख्य उद्देश्य

सरकार इस योजना के जरिए कई उद्देश्यों को पूरा करना चाहती है:

  • बिजली पर आत्मनिर्भरता बढ़ाना: अगर लोग खुद की बिजली बनाना शुरू करें, तो उन्हें बिजली विभाग पर कम निर्भर रहना पड़ेगा।
  • बिजली की बचत: जब घर में सोलर से बिजली बनेगी तो बिल भी घटेगा और लंबे समय में हजारों रुपए की बचत होगी।
  • पर्यावरण की सुरक्षा: सोलर एनर्जी एक साफ-सुथरा और प्रदूषण मुक्त तरीका है बिजली बनाने का। इससे न धुआं निकलता है, न कोई हानिकारक गैस।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाना: कई ऐसे गांव हैं जहां बिजली अभी तक ठीक से नहीं पहुंची है। वहां सोलर पैनल से आसानी से बिजली दी जा सकती है।

सब्सिडी की गणना कैसे होती है?

सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी कुछ इस तरह से तय होती है:

  • पैनल की क्षमता (किलोवाट में) सब्सिडी प्रतिशत
  • 1 से 3 किलोवाट तक 40% से 50% तक
  • 3 से 5 किलोवाट तक 20%
  • 5 किलोवाट से ऊपर कुछ मामलों में सीमित सब्सिडी

ध्यान रखें, सब्सिडी पाने के लिए पैनल BIS (Bureau of Indian Standards) प्रमाणित होना चाहिए और MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) की गाइडलाइन के अनुसार लगवाना होगा।

कौन लोग पात्र हैं

अगर आप सोच रहे हैं कि क्या आप इस योजना के लिए पात्र हैं या नहीं, तो नीचे दी गई शर्तें देखें:

  • आप भारतीय नागरिक होने चाहिए।
  • आपकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए।
  • आपके घर की छत पर पर्याप्त खाली जगह होनी चाहिए।
    – 1 किलोवाट सोलर पैनल के लिए लगभग 10 वर्ग मीटर जगह चाहिए।
    – यानी 3 किलोवाट के लिए लगभग 30 वर्ग मीटर।
  • आपके पास बिजली कनेक्शन होना चाहिए, जिससे आप ग्रिड से जुड़े हों।

जरूरी दस्तावेज क्या लगेंगे?

योजना में आवेदन करते समय आपको कुछ दस्तावेज जमा करने होंगे:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • बिजली का ताजा बिल
  • बैंक पासबुक की कॉपी (जिसमें खाता संख्या और IFSC कोड साफ दिख रहा हो)
  • मोबाइल नंबर (जो आधार से लिंक हो)
  • आय प्रमाण पत्र (कुछ राज्यों में जरूरत पड़ सकती है)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • घर की छत की फोटो जहां पैनल लगना है

इन दस्तावेजों को सही-सही अपलोड करना जरूरी होता है। अगर कोई दस्तावेज अधूरा या गलत है तो आवेदन रिजेक्ट हो सकता है।

Solar Rooftop Subsidy Yojana की आवेदन प्रक्रिया

आवेदन करने का तरीका ऑनलाइन है और बहुत ही आसान है। चलिए स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं:

  • सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://solarrooftop.gov.in
  • होमपेज पर “Apply for Rooftop Solar” या “Register Here” पर क्लिक करें।
  • अब अपना राज्य चुनें, बिजली वितरण कंपनी (DISCOM) का नाम चुनें और फिर मोबाइल नंबर व बिजली उपभोक्ता नंबर दर्ज करें।
  • OTP वेरीफिकेशन करें।
  • अब लॉगिन करें और बाकी की जानकारी भरें जैसे –
    • सोलर पैनल की अनुमानित क्षमता
    • घर का पता
    • बैंक डिटेल्स
    • छत की तस्वीरें
    • जरूरी दस्तावेज अपलोड करें
  • सबमिट करने के बाद आपके आवेदन की समीक्षा होगी।
  • एक बार आवेदन स्वीकृत होने पर DISCOM और एजेंसी पैनल इंस्टॉल करेंगी।

फॉर्म भरने के बाद अगला कदम

  • आवेदन सबमिट करने के बाद आपको एक एप्लिकेशन आईडी मिलती है।
  • इस आईडी से आप अपने आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।
  • जब DISCOM आपके आवेदन को मंजूरी दे देता है, तो फिर सोलर पैनल लगाने का काम शुरू होता है।
  • इंस्टॉलेशन के बाद एजेंसी पैनल की जांच करेगी और फिर ग्रिड से कनेक्शन दिया जाएगा।
  • अंत में सब्सिडी की राशि सीधे आपके बैंक खाते में भेज दी जाती है।

योजना से मिलने वाले फायदे क्या हैं?

सोलर रूफटॉप योजना से कई फायदे मिलते हैं:

  • बिजली का बिल कम हो जाता है – सोलर से बनी बिजली आपकी जरूरत का बड़ा हिस्सा पूरा कर देती है।
  • लंबे समय में बचत होती है – एक बार पैनल लगवा लें, तो 20-25 साल तक आराम से बिजली मिलती रहेगी।
  • सरल और प्रदूषण रहित ऊर्जा स्रोत – न धुआं, न शोर, और न ही किसी तरह का प्रदूषण।
  • सरकार की सब्सिडी का फायदा – खर्च कम होता है और सरकार आर्थिक मदद देती है।
  • बिजली कटौती से छुटकारा – खासकर गांवों और कस्बों में जहां बिजली बार-बार जाती है, वहां सोलर बहुत उपयोगी है।
  • बिजली बेचने का मौका – कई राज्यों में अगर आपकी सोलर से बनी बिजली की खपत कम है, तो आप एक्स्ट्रा बिजली ग्रिड को बेच भी सकते हैं।

Disclaimer

यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। आवेदन करने से पहले संबंधित राज्य की DISCOM या योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर सभी जानकारी जरूर जांचें।

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